चीन से पलायन कर रही कंपनियों पर CM योगी की नजर, UP में निवेश पर स्पेशल पैकेज व छूट
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देशव्यापी लॉकडाउन को मौजूदा वक्त में अर्थव्यवस्था के लिए जहां एक चुनौती बताया, वहीं इसे भविष्य के लिए बड़ा अवसर भी करार दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चीन से मोह भंग हुई कंपनियों के लिए विशेष पैकेज व सहूलियत देने को तैयार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के इस दौर में सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है। यह बंद राज्य अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती के साथ ही बड़ा अवसर भी है। चुनौती को अवसर में बदलने के लिए अभी से प्रयास किए जाने चाहिए। इसके लिए अभी से टीम गठित कर कार्यवाही प्रारम्भ की जानी चाहिए।
'विभिन्न देशों के दूतावासों से करें बात'
अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी के अनुसार, 'कई कंपनियों का चीन से मोह भंग हुआ है। ऐसे में अगर कोई नई कंपनी या निवेशक प्रदेश में आता है, तो मुख्यमंत्री ने उन्हें विशेष पैकेज व सहूलियत देने का निर्देश दिया है।' मुख्यमंत्री ने औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना व सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह को राज्य में निवेश आकर्षित करने के लिए विभिन्न देशों के दूतावासों से संवाद स्थापित करने के लिए कहा है। उन्होंने इस संबंध में एक कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
गुरुवार रात को मंत्रियों व अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श के दौरान योगी ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए राज्य, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थितियों का आकलन करते हुए तैयारी करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ओलावृष्टि व अतिवृष्टि के बावजूद उपज अच्छी है। अच्छे मॉनसून की भी सम्भावना है। यह स्थिति प्रदेश के हित में है।
निवेश आकर्षित करने के लिए नीतियों में संशोधन किया जाना चाहिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि बंद के दौरान आवश्यक वस्तुओं से जुड़ी औद्योगिक इकाइयों को चरणबद्ध तरीके से संचालित किया जा रहा है। चीनी मिलों को भी बंद नहीं किया गया है। बंद के निर्देशों का पालन करते हुए एकीकृत परिसर में अर्थात चारदीवारी के अंदर स्थित ऐसी औद्योगिक इकाइयों को चलाने की अनुमति दी जा रही है। इनके तकनीकी और अन्य कर्मचारियों के रहने-खाने की व्यवस्था इकाई परिसर में ही है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाइयों की समस्याओं का विभागीय स्तर पर निराकरण कराकर उन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि निवेश आकर्षित करने के लिए आवश्यकतानुसार नीतियों की समीक्षा कर संशोधन भी किया जाना चाहिए।
मरकज के कार्यक्रम में शामिल हुए थे रोहिंग्या, गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा- शिविरों की कराएं कोरोना स्क्रीनिंग
देश में जारी कोरोना के कहर के बीच गृह मंत्रालय ने राज्यों को एक चिट्ठी लिखी है। इसमें कहा गया है कि ऐसी रिपोर्ट है कि निजामुद्दीन मरकज की शिविर में तबलीगी जमात के लोगों के साथ कुछ रोहिंग्या भी शामिल हुए थे।
राज्यों के चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी और दिल्ली के पुलिस कमीश्नर को लिखी चिट्ठी में कहा गया है कि ऐसी रिपोर्ट है कि रोहिंग्या मुस्लिम तबलीगी जमात के धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल हुए थे। ऐसी संभावना है कि वे कोरोना संक्रमित हो सकते हैं। हैदराबाद के कैंप में रहने वाले रोहिंग्या हरियाणा के मेवात में आयोजित तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे और वे निजामुद्दीन मरकज भी गए थे।
गृह मंत्रालय ने अपनी चिट्ठी में आगे लिखा है, 'ठीक उसी तरह दिल्ली के श्रम विहार और शाहीनबाग में रहने वाले रोहिंग्या भी तबलीगी जमात को कार्यक्रम में गए थे, जो अपने कैंप में वापस नहीं आए हैं।'
मंत्रालय ने कहा है कि इसके अलावा, तबलीगी जमात के कार्यक्रम में भाग लेने के बाद रोहिंग्या मुसलमानों की उपस्थिति पंजाब के डेराबस्सी और जम्मू में होने की खबर है। इसलिए, रोहिंग्या मुस्लिम और उनके संपर्क में आए लोगों की स्क्रीनिंग जरूरी है। राज्यों को इस दिशा में जरूरी कदम जल्द से जल्द उठाना चाहिए
मरकज के मुखिया पर चलेगा मुकदमा
दिल्ली की निजामुद्दीन मरकज के मुखिया मौलाना साद के करीबी चार लोगों पर कानून का शिकंजा कस गया है। पुलसि ने उनके खिलाफ मुकदमा कायम कर तफ्तीश शुरू कर दी है। आरोप है कि तीन मौलाना समेत चार लोगों ने फ्रांस और दक्षिण अफ्रीका की यात्रा की। उसके बाद दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज भी गए, लेकिन बीमारी फैलने क बाद भी यह बात पुलिस से छिपाई।
दिल्ली की निजामुद्दीन मरकज के मुखिया मौलाना साद के करीबी चार लोगों पर कानून का शिकंजा कस गया है। पुलसि ने उनके खिलाफ मुकदमा कायम कर तफ्तीश शुरू कर दी है। आरोप है कि तीन मौलाना समेत चार लोगों ने फ्रांस और दक्षिण अफ्रीका की यात्रा की। उसके बाद दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज भी गए, लेकिन बीमारी फैलने क बाद भी यह बात पुलिस से छिपाई।
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