स्पेन में कोरोना के 184,948 मरीज, संक्रमण से अब तक 19,315 की मौत
लॉकडाउन में योगी सरकार का बड़ा ऐलान, UP में 11 तरह की इंड्रस्ट्रीज शुरू होंगी
गाइडलांइस का पालन जिला प्रशासन और चिकित्सा विभाग सुनिश्चित कराएगा. इस दौरान किसी भी कर्मचारी में कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखाई देने पर जिला प्रशासन को सूचित करना होगा.
- प्रथम चरण में अधिकतम 50% श्रमिक रहेंगे
- हॉटस्पॉट एरिया में नहीं चलेगी कोई भी यूनिट
कोरोना संकट के बीच उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. प्रदेश सरकार ने आवश्यक सेवाओं के साथ 11 तरह के उद्योगों को सशर्त चलाने की अनुमति दे दी है. फिलहाल सतत प्रक्रिया उद्योगों के संचालन की अनुमित दी गई है.
स्टील, रिफाइनरी, सीमेंट, रसायन, उर्वरक, वस्त्र उद्योग (परिधान को छोड़कर), फाउंड्रीज, पेपर, टायर, चीनी मिल को चलाने की अनुमति दी गई है. साथ ही कॉमन एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट को शुरू करने के आदेश दिए गए हैं.
प्रथम चरण में अधिकतम 50% श्रमिकों के साथ यूनिट चलाने की अनुमति होगी. इस दौरान प्रशासनिक कार्यालयों को खोलने की अनुमति नहीं होगी. इसके अलावा हॉटस्पॉट एरिया में यूनिट चलाने पर प्रतिबंध है.
औद्योगिक परिसर को गाइडलाइन के मुताबिक सैनिटाइजेशन कराया जाए और श्रमिकों की संख्या के हिसाब से थर्मल स्कैनर की व्यवस्था की जाए. यूनिट में सैनेटाइजर, मास्क और पानी का पूरा प्रबंध करने के भी निर्देश दिए गए हैं.
गाइडलांइस का पालन जिला प्रशासन और चिकित्सा विभाग सुनिश्चित कराएगा. इस दौरान किसी भी कर्मचारी में कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखाई देने पर जिला प्रशासन को सूचित करना होगा.
बता दें कि देश में कोरोना से निपटने के लिए 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है. लेकिन देश की आर्थिक व्यवस्था और जरूरी सामानों की आपूर्ति के लिए इस बार कई सेक्टरों के लिए छूट का प्रावधान भी रखा गया है. ये सारी छूटें 20 अप्रैल से लागू की जानी हैं.
शराब बिक्री पर चल रहा है विचार
यूपी की योगी सरकार शराब की बिक्री भी शुरू करवाने पर विचार कर रही है. दरअसल, यूपी सरकार के प्रमुख सचिव संजय आर. भूसरेड्डी द्वारा यूपी के सभी मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को लिखे एक पत्र से ऐसा लग रहा है कि यूपी सरकार प्रदेश में मदिरा की बिक्री शुरू कराने की तैयारी में है. इसी वजह से सरकार ने आबकारी विभाग को मदिरा/बियर की फैक्ट्रीज में उत्पादन शुरू कराने का आदेश भी दिया है.
प्रोटेक्टिव गियर के बिना जान जोखिम में डाल कर रहे होम डिलीवरी, सैलरी भी कट रही
दक्षिणी दिल्ली में हाल ही में एक डिलीवरी ब्वॉय को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है. इस घटना के बाद इंडिया टुडे टीवी ने ग्राउंड जीरो पर यह पता लगाने की कोशिश की कि इन डिलीवरी ब्वॉयज और गर्ल्स के लिए आर्थिक राजधानी मुंबई में किस तरह के प्रोटोकॉल हैं.
- भगवान भरोसे डिलीवरी ब्वॉयज की सुरक्षा
- काम करने वाले ज्यादातर लोग गरीब
तमाम ऑनलाइन फूड डिलीवरी पोर्टल के डिलीवरी ब्वॉयज और गर्ल्स लोगों के घर तक खाना पहुंचा रहे हैं. इस दौरान वे अपनी और दूसरों की भी जान जोखिम में डाल रहे हैं. दिल्ली में हाल ही में एक डिलीवरी ब्वॉय कोरोना पॉजिटिव पाया गया है. इस घटना के बाद इंडिया टुडे टीवी ने ग्राउंड जीरो पर यह पता लगाने की कोशिश की कि इन डिलीवरी ब्वॉयज और गर्ल्स के लिए आर्थिक राजधानी मुंबई में किस तरह के प्रोटोकॉल हैं. हमें मिलने वाले जवाब चौंकाने वाले हैं.
बातचीत में एक डिलीवरी ब्वॉय ने कहा, “सर हमारे पास किसी भी तरह के दस्ताने नहीं हैं. हमारी कंपनी ने केवल एक मास्क दिया है और हम हर दिन उसी का उपयोग कर रहे हैं. हमारी कंपनी ने हमें सैनिटाइजर मुहैया नहीं कराया है. हमसे कहा गया है कि हमें खुद से खरीदने की जरूरत है और कंपनी बाद में भुगतान कर देगी. लेकिन ना तो कंपनी ने अब तक कुछ दिया है और न ही बाजार में पर्याप्त सैनिटाइजर उपलब्ध हैं. इसके अलावा, मेरे पास इतने पैसे भी नहीं हैं कि मैं यह सब खुद से खरीद सकूं.”
यह मुंबई की जमीनी सच्चाई है. मुंबई के कई हिस्सों के तमाम गरीब लड़के और लड़कियां इस काम में लगे हैं. लॉकडाउन की वजह से यह बिजनेस भी प्रभावित हुआ है. अब ऑर्डर काफी कम मिल रहे हैं और कंपनियों को घाटा हो रहा है. ऐसे में डिलीवरी ब्वॉय के लिए प्रोटेक्टिव गियर पर ध्यान देना निश्चित रूप से एक और झटका होगा
क्या पिकअप ज्वाइंट पर थर्मल स्क्रीनिंग का कोई प्रावधान है? इस सवाल के जवाब में हमारी टीम ने पाया कि कई लोगों को इसके बारे में पता भी नहीं है. जो जागरूक हैं उन्होंने कहा कि वे गरीब परिवारों से हैं और बीमार होने पर वे इस बारे में रिपोर्ट नहीं कर सकते. कुछ अन्य लोगों ने कहा कि जब भी वे बीमार महसूस करते हैं तो खुद ही क्लीनिक चले जाते हैं.
इंडिया टुडे से बात करते हुए स्वाति (बदला हुआ नाम) कहती हैं, “मेरे पति ओला के लिए काम करते हैं लेकिन इन दिनों उनकी नौकरी नहीं है. ऑनलाइन ऑर्डर भी कम हुए हैं और हम यहां भी कुछ खास नहीं कमा रहे हैं. इसलिए अगर मैं खतरों के बारे में सोचती हूं तो मेरे दो बच्चों की देखभाल कौन करेगा.”
CASES
12,759
RECOVERED
1,515
DEATHS
420
LAST UPDATED:APR 17, 6:10 AM
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